Tatara Vamiro Katha Class 10th: NCERT Solutions For Chapter 10 Sparsh

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अध्याय-3: तताँरा-वामीरो कथा

सारांश

यह पाठ अंदमान निकोबार द्वीपसमूह के एक प्रचलित लोककथा पर आधरित है। अंदमान निकोबार दक्षिणी द्वीप लिटिल अंदमान है जो की पोर्ट ब्लेयर से लगभग सौ किलोमीटर दूर स्थित है। इसके बाद निकोबार द्वीपसमूह का पहला प्रमुख द्वीप कार-निकोबार है जो की लिटिल अंदमान से 96 कि.मी. दूर है। पौराणिक जनश्रुति के अनुसार ये दोनों द्वीप पहले एक ही थे। इनके अलग होने के पीछे एक लोककथा आज भी प्रचलित है।

जब दोनों द्वीप एक थे तब वहां एक सुन्दर सा गाँव था जहाँ एक सुन्दर और शक्तिशाली युवक रहा करता था जिसका नाम तताँरा था। वह एक नेक और ईमानदार व्यक्ति था और सदा दूसरों की मदद के लिए तत्पर रहता था। निकोबारी उसे बेहद प्रेम करते थे। वह अपने गाँव के लोगों के साथ सारे द्वीप की भी सेवा करता था। वह पारंपरिक पोशाक में रहने के साथ अपनी कमर में सदा एक लकड़ी की तलवार बाँधे रहता था। वह कभी तलवार का उपयोग नही करता था, लोगों का मत था की तलवार में दैवीय शक्ति थी।

एक शाम तताँरा दिनभर के अथक परिश्रम के बाद समुद्र के किनारे टहलने निकल पड़ा। सूरज डूबने को था, समुद्र से ठंडी बयारें आ रहीं थीं। पक्षियाँ अपने घरों को वापस जा रहीं थीं। तताँरा सूरज की अंतिम किरणों को समुद्र पर निहारा रहा था तभी उसे कहीं पास से एक मधुर गीत गूँजता सुनाई दिया  सुध-बुध खोने लगा। लहरों की एक प्रबल वेग ने उसे जगाया। वह जिधर से गीत के स्वर आ रहे थे उधर बढ़ता गया। उसकी नजर एक युवती पर पड़ी जो की वह श्रृंगार गीत गा रही थी। अचानक एक समुद्री लहर उठी और युवती को भिगों दिया जिसके हड़बड़ाहट में वह अपना गाना भूल गयी। तताँरा ने विनम्रतापूर्वक उसके मधुर गायन छोड़ने के पीछे वजह पूछी। युवती उसे देखकर चौंक गयी और ऐसे असंगत प्रश्न का कारण पूछने लगी। तताँरा उससे बार-बार गाने को बोल रहा था। अंत में तताँरा को अपनी भूल का अहसास हुआ और उसने क्षमा माँगकर उसका नाम पूछा। उसने अपना नाम वामीरो बताया। तताँरा ने उसे अपना नाम बताते हुए कल फिर आने का आग्रह किया।

 वामीरो जब अपने घर लपाती पहुँची तो उसे भीतर से बैचैनी होने लगी। उसने तताँरा के व्यक्तित्व में वह सारा गुण पाया जो की वह अपने जीवन साथी के बारे में सोचती थी परन्तु उनका संबंध परंपरा के विरुद्ध था इसलिए उसने तताँरा को भूलना ही बेहतर समझा। किसी तरह दोनों की रात बीती। दूसरे दिन तताँरा लपाती के समुद्री चट्टान पर शाम में वामीरो की प्रतीक्षा करने लगा। सूरज ढलने को था सहसा तभी उसे नारियल के झुरमुठों के बीच एक आकृति दिखाई दी जो की वामीरो ही थी। अब दोनों रोज शाम में मिलते और एक दूसरे को एकटक निहारते खड़े रहते। लपाती के कुछ युवकों ने उन दोनों के इस मूक प्रेम को भाँप लिया और यह बात हवा की  तरह सबको मालूम हो गयी। परन्तु दोनों का विवाह संभव ना था क्योंकि दोनों अलग-अलग गाँव से थे। सबने दोनों को समझाने का पूरा प्रयास किया किन्तु दोनों अडिग रहे और हर शाम मिलते रहे।

कुछ समय बाद तताँरा के गाँव पासा में पशु-पर्व का आयोजन था जिसमें सभी गाँव हिस्सा लिया करते। पर्व में पशुओं के प्रदर्शन के के अतिरिक्त युवकों की भी शक्ति परीक्षा होती साथ ही गीत-संगीत और भोजन का भी आयोजन होता। शाम में सभी लोग पासा आने लगे और धीरे-धीरे विभिन्न कार्यक्रम होने लगे परन्तु तताँरा का मन इनमें ना होकर वामीरो को खोजने में व्यस्त था। तभी उसे नारियल के झुंड के पीछे वामीरो दिखाई दी। वह तताँरा को देखते ही रोने लगी। तताँरा विह्वल हुआ। रुदन का स्वर सुनकर वामीरो की माँ वहां पहुँच गयीं और उसने तताँरा को बुरा-भला कहकर अपमानित किया। गाँव के लोग भी तताँरा के विरोध में आवाज उठाने लगे। यह तताँरा के लिए असहनीय था। उसे परंपरा पर क्षोभ हो रहा था और अपनी असहायता पर गुस्सा। अचानक उसका हाथ तलवार की मूठ पर जा टिका और क्रोध में उसने अपनी तलवार निकालकर धरती में घोंप दिया और अपनी पूरी ताकत लगाकर खींचने लगा। जहाँ से लकीर खींची थी वहाँ से धरती में दरार आने लगी। द्वीप के दो टुकड़े हो चुके थे एक तरफ तताँरा था और दूसरी तरफ वामीरो। दूसरा द्वीप धँसने लगा। तताँरा को जैसे ही होश आया उसने दूसरे द्वीप का कूद कर सिरा पकड़ने की कोशिश की परन्तु सफल ना हो सका और नीचे की तरफ फिसलने लगा। दोनों के मुँह से एक दूसरे के  चीख निकल रही थी।

तताँरा लहूलुहान अचेत पड़ा था। बाद में उसका क्या हुआ कोई नहीं जानता। इधर वामीरो पागल हो गयी और उसने खाना-पीना छोड़ दिया। लोगों ने तताँरा को खोजने का बहुत प्रयास किया परन्तु वह नही मिला। आज ना तताँरा है ना वामीरो परन्तु उनकी प्रेमकथा घर-घर में  सुनाई जाती है। इस घटना के निकोबारी एक दूसरे गाँवों में वैवाहिक संबंध स्थापित करने लगे। तताँरा की तलवार से कार-निकोबार से जो दो टुकड़े उसमें दूसरा लिटिल अंदमान है।


 

NCERT SOLUTIONS

मौखिक प्रश्न (पृष्ठ संख्या 83)

प्रश्न 1 निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-

a.   तताँरा-वामीरो कहाँ की कथा है?

b.   वामीरो अपना गाना क्यों भूल गई?

c.   तताँरा ने वामीरो से क्या याचना की?

d.   तताँरा और वामीरो के गाँव की क्या रीति थी?

e.   क्रोध में तताँरा ने क्या किया?

उत्तर-

a.   तताँरा-वामीरो अंडमान निकोबार द्वीप समूह की लोक कथा है।

b.   वामीरो सागर के किनारे गा रही थी। अचानक समुद्र की ऊँची लहर ने उसे भिगो दिया, इसी हड़बडाहट में वह गाना भूल गई।

c.   तताँरा ने वामीरो से याचना की कि वह अपना मधुर गाना पूरा करे। बाद में उसने उसका नाम जानने और अगले दिन भी वहाँ आने की याचना की।

d.   तताँरा और वामीरो के गाँव की रीति थी कि विवाह के लिए लड़का-लड़की का एक ही गाँव का होना आवश्यक था। विवाह संबंध बाहर के किसी गाँव वाले से नहीं हो सकता था।

e.   क्रोध में तताँरा का हाथ कमर पर लटकी तलवार पर चला गया और उसने तलवार निकाल कर ज़मीन में गाड़ दी।

भाषा अध्ययन प्रश्न (पृष्ठ संख्या 84-87)

प्रश्न 1 निम्नलिखित वाक्यों के सामने दिए कोष्ठक में () का चिह्न लगाकर बताएँ कि वह वाक्य किस प्रकार का है−

a.   निकोबारी उसे बेहद प्रेम करते थे। (प्रश्नवाचक, विधानवाचक, निषेधात्मक, विस्मयादिबोधक)

b.   तुमने एकाएक इतना मधुर गाना अधूरा क्यों छोड़ दिया? (प्रश्नवाचक, विधानवाचक, निषेधात्मक, विस्मयादिबोधक)

c.   वामीरो की माँ क्रोध में उफन उठी। (प्रश्नवाचक, विधानवाचक, निषेधात्मक, विस्मयादिबोधक)

d.   क्या तुम्हें गाँव का नियम नहीं मालूम? (प्रश्नवाचक, विधानवाचक, निषेधात्मक, विस्मयादिबोधक)

e.   वाह! कितना सुदंर नाम है। (प्रश्नवाचक, विधानवाचक, निषेधात्मक, विस्मयादिबोधक)

f.    मैं तुम्हारा रास्ता छोड़ दूँगा। (प्रश्नवाचक, विधानवाचक, निषेधात्मक, विस्मयादिबोधक)

उत्तर-

a.   निकोबारी उसे बेहद प्रेम करते थे।

b.   तुमने एकाएक इतना मधुर गाना अधूरा क्यों छोड़ दिया?

c.   वामीरो की माँ क्रोध में उफन उठी।

d.   क्या तुम्हें गाँव का नियम नहीं मालूम?

e.   वाह! कितना सुदंर नाम है।

f.    मैं तुम्हारा रास्ता छोड़ दूँगा।

प्रश्न 2 निम्नलिखित मुहावरों का अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए-

a.   सुध-बुध खोना।

b.   बाट जोहना।

c.   खुशी का ठिकाना न रहना।

d.   आग बबूला होना।

e.   आवाज़ उठाना।

उत्तर-

a.   सुध-बुध खोना- वामीरो का मधुर गीत सुनकर तताँरा सुध-बुध खो बैठा।

b.   बाट जोहना- तताँरा सूरज ढलते ही वामीरो की बाट जोहने लगा।

c.   खुशी का ठिकाना न रहना- वामीरो को आता देख तताँरा की खुशी का ठिकाना न रहा।

d.   आग बबूला होना- वामीरो की माँ तताँरा को वामीरो के पास खड़ा देखकर आग बबूला हो गई।

e.   आवाज़ उठाना- तताँरा के गाँव वाले भी तताँरा के विरुद्ध आवाज उठाने लगे।

प्रश्न 3 नीचे दिए गए शब्दों में से मूल शब्द और प्रत्यय अलग करके लिखिए-

a.   शब्द                                         मूल शब्द                   प्रत्यय

b.   चर्चित                                       ………..                    ……….

c.   साहसिक                                   ………..                    ……….

d.   छटपटाहट                                 ………..                    ……….

e.   शब्दहीन                                   ………..                    ……….

उत्तर-

a.   शब्द                                         मूल शब्द                   प्रत्यय

b.   चर्चित                                       चर्चा                         इत

c.   साहसिक                                   साहस                       इक

d.   छटपटाहट                                 छटपट                      हट

e.   शब्दहीन                                   शब्द                         हीन

प्रश्न 4 नीचे दिए गए शब्दों में उचित उपसर्ग लगाकर शब्द बनाइए-

a.   ……….. + आकर्षक = ……….

b.   ………… + ज्ञात = ………

c.   ………… + कोमल = …………

d.   ………. + होश = ………..

e.   ………… + घटना = ………….

उत्तर-

a.   अन + आकर्षक = अनाकर्षक

b.   अ + ज्ञात = अज्ञात

c.   सु + कोमल = सुकोमल

d.   बे + होश = बेहोश

e.   दुर + घटना = दुर्घटना

प्रश्न 5 निम्नलिखित वाक्यों को निर्देशानुसार परिवर्तित कीजिए-

a.   जीवन में पहली बार मैं इस तरह विचलित हुआ हूँ। (मिश्र वाक्य)

b.   फिर तेज़ कदमों से चलती हुई तताँरा के सामने आकर ठिठक गई। (संयुक्त वाक्य)

c.   वामीरो कुछ सचेत हुई और घर की तरफ दौड़ी। (सरल वाक्य)

d.   तताँरा को देखकर यह फूटकर रोने लगी। (संयुक्त वाक्य)

e.   रीति के अनुसार दोनों को एक ही गाँव का होना आवश्यक था। (मिश्र वाक्य)

उत्तर-

a.   जीवन में ऐसा पहली बार हुआ है कि मैं विचलित हुआ हूँ।

b.   फिर तेज कदमों से चलती हुई तताँरा के पास आई और ठिठक गई।

c.   वामीरो कुछ सचेत होकर घर की ओर दौड़ी।

d.   उसने तताँरा को देखा और फूट-फूटकर रोने लगी।

e.   रीति के अनुसार यह आवश्यक था कि दोनों एक ही गाँव के हों।

प्रश्न 6 नीचे दिए गए वाक्य पढ़िए तथा ‘और’ शब्द के विभिन्न प्रयोगों पर ध्यान दीजिए-

a.   पास में सुंदर और शक्तिशाली युवक रहा करता था। (दो पदों को जोड़ना)

b.   वह कुछ और सोचने लगी। (‘अन्य’ के अर्थ में)

c.   एक आकृति कुछ साफ़ हुई… कुछ और … कुछ और… (क्रमशः धीरे-धीरे के अर्थ में)

d.   अचानक वामीरो कुछ सचेत हुई और घर की तरफ़ दौड़ गई। (दो उपवाक्यों को जोड़ने के अर्थ में)

e.   वामीरो का दुख उसे और गहरा कर रहा था। (‘अधिकता’ के अर्थ में)

f.    उसने थोड़ा और करीब जाकर पहचानने की चेष्टा की। (‘निकटता’ के अर्थ में)

उत्तर-

छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 7 नीचे दिए गए शब्दों के विलोम शब्द लिखिए-

a.   भय,

b.   मधुर,

c.   सभ्य,

d.   मूक,

e.   तरल,

f.    उपस्थिति,

g.   सुखद।

उत्तर-

a.   निर्भय,

b.   कटु,

c.   असभ्य,

d.   वाचाल,

e.   ठोस,

f.    अनुपस्थित,

g.   दुखद।

प्रश्न 8 नीचे दिए गए शब्दों के दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखिए-

a.   समुद्र,

b.   आँख,

c.   दिन,

d.   अँधेरा,

e.   मुक्त।

उत्तर-

a.   समुद्र – रत्नाकर, वारिधि, नीरधि, जलधि

b.   आँख – नेत्र, चक्षु, नयन, लोचन, दृग

c.   दिन – दिवस, दिवा, वासर, वार

d.   अँधेरा – तम, तिमिर, अंधकार

e.   मुक्त – उन्मुक्त, आजाद, बंधनहीन

प्रश्न 9 नीचे दिए गए शब्दों को वाक्यों में प्रयोग कीजिए-

a.   किंकर्तव्यविमूढ़,

b.   विह्वल,

c.   भयाकुल,

d.   याचक,

e.   आकंठ।

उत्तर-

a.   शब्द – वाक्य प्रयोग

b.   किंकर्तव्यविमूढ़ – महाभारत के मैदान में गुरुजन एवं बंधु-बाँधवों को सामने देखकर अर्जुन किंकर्तव्यविमूढ़ हो गए।

c.   विह्वल – अपने खोए बेटे से मिलकर माँ विह्वल होकर रोने लगी।

d.   भयाकुल – डाकुओं से स्वयं को घिरा देखकर यात्री भयाकुल हो गए।

e.   याचक – याचक करुण स्वर में दो रोटियाँ माँग रहा था।

f.    आकंठ – कुछ नेता और अधिकारी आकंठ भ्रष्टाचार में डूबे हैं।

प्रश्न 10 किसी तरह आँचरहित एक ठंडा और ऊबाऊ दिन गुजरने लगा’ वाक्य में दिन के लिए किन-किन विशेषणों का प्रयोग किया गया है? आप दिन के लिए कोई तीन विशेषण और सुझाइए।

उत्तर- उमस भरा लंबा थकाऊ दिन।

सुंदर-सुहावना धूपदार दिन।

प्रश्न 11 इस पाठ में देखना’ क्रिया के कई रूप आए हैं-‘देखना’ के इन विभिन्न शब्द-प्रयोगों में क्या अंतर है?


इसी प्रकार ‘बोलना’ क्रिया के विभिन्न शब्द-प्रयोग बताइए।



उत्तर-



प्रश्न 12 नीचे दिए गए वाक्यांशों को पढ़िए-

(क) श्याम का बड़ा भाई रमेश कल आया था। (संज्ञा पदबंध)

(ख) सुनीता परिश्रमी और होशियार लड़की है। (विशेषण पदबंध)

(ग) अरुणिमा धीरे-धीरे चलते हुए वहाँ जा पहुँची। (क्रिया विशेषण पदबंध)

(घ) आयुष सुरभि का चुटकुला सुनकर हँसता रहा। (क्रिया पदबंध)

ऊपर दिए गए

वाक्य (क) में रेखांकित अंश में कई पद हैं जो एक पद संज्ञा का काम कर रहे हैं।

वाक्य (ख) में तीन पद मिलकर विशेषण पद का काम कर रहे हैं।

वाक्य (ग) और (घ) में कई पद मिलकर क्रमशः क्रिया विशेषण और क्रिया का काम कर रहे हैं।

ध्वनियों के सार्थक समूह को शब्द कहते हैं और वाक्य में प्रयुक्त शब्द ‘पद’ कहलाता है; जैसे‘पेड़ों पर पक्षी चहचहा रहे थे।’ वाक्य में ‘पेड़ों’ शब्द पद है क्योंकि इसमें अनेक व्याकरणिक बिंदु जुड़ जाते हैं। कई पदों के योग से बने वाक्यांश को जो एक ही पद का काम करता है, पदबंध कहते हैं। पदबंध वाक्य का एक अंश होता है।

पदबंध मुख्य रूप से चार प्रकार के होते हैं-

संज्ञा पदबंध

क्रिया पदबंध

विशेषण पदबंध

क्रियाविशेषण पदबंध

वाक्यों के रेखांकित पदबंधों का प्रकार बताइए-

a.   उसकी कल्पना में वह एक अद्भुत साहसी युवक था।

b.   तताँरा को मानो कुछ होश आया।

c.   वह भागा-भागा वहाँ पहुँच जाता।

d.   तताँरा की तलवार एक विलक्षण रहस्य थी।

e.   उसकी व्याकुल आँखें वामीरो को ढूंढने में व्यस्त थीं।

उत्तर-

a.   विशेषण पदबंध

b.   क्रिया पदबंध

c.   क्रियाविशेषण पदबंध

d.   विशेषण पदबंध

e.   विशेषण पदबंध

लिखित प्रश्न (पृष्ठ संख्या 83-84)

प्रश्न 1  निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-

a.   तताँरा की तलवार के बारे में लोगों का क्या मत था?

b.   वामीरो ने तताँरा को बेरुखी से क्या जवाब दिया?

c.   तताँरा-वामीरो की त्यागमयी मृत्यु से निकोबार में क्या परिवर्तन आया?

d.   निकोबार के लोग तताँरा को क्यों पसंद करते थे?

उत्तर-

a.   तताँरा की तलवार के बारे में लोगों का यह मत था कि लकड़ी की होने के बावजूद उस तलवार में अद्भुत दैवीय शक्ति थी। वह अपनी तलवार को अपने से कभी भी अलग न होने देता था और दूसरों के सामने उसका उपयोग नहीं करता था।

b.   वामीरो ने तताँरा को बेरुखी से जवाब दिया कि वह उसके कहने पर गाना क्यों गाए? वह पहले उसे बताए कि वह कौन है? वह उससे असंगत प्रश्न क्यों कर रहा है? वह उसे घूर क्यों रहा है? वह अपने गाँव के पुरुष के अलावा किसी अन्य को जवाब देने को विवश नहीं है।

c.   तताँरा-वामीरो की त्यागमयी मृत्यु से निकोबार में यह परिवर्तन आया कि वहाँ लोग अब दूसरे गाँवों से भी वैवाहिक संबंध स्थापित करने लगे। दोनों की त्यागमयी मृत्यु ने लोगों की विचारधारा में एक सुखद तथा अद्भुत परिवर्तन ला दिया तथा उनकी रूढ़िवादी परंपराएँ भी परिवर्तित हो गईं।

d.   निकोबार के लोग तताँरा को उसके साहसी और परोपकारी स्वभाव के कारण पसंद करते थे। वह सदैव दूसरों की सहायता करने में विश्वास रखता था और समूचे दूद्वीपवासियों की सेवा करना अपना कर्तव्य समझता था।

प्रश्न 2  निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-

a.   निकोबार द्वीप समूह के विभक्त होने के बारे में निकोबारियों का क्या विश्वास है?

b.   तताँरा खूब परिश्रम करने के बाद कहाँ गया? वहाँ के प्राकृतिक सौंदर्य का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।

c.   वामीरो से मिलने के बाद तताँरा के जीवन में क्या परिवर्तन आया?

d.   प्राचीन काल में मनोरंजन और शक्ति-प्रदर्शन के लिए किस प्रकार के आयोजन किए जाते थे?

e.   रूढ़ियाँ जब बंधन बन बोझ बनने लगें तब उनका टूट जाना ही अच्छा है। क्यों? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर-

a.   निकोबार द्वीपसमूह के विभक्त होने के बारे में निकोबारियों का यह विश्वास है कि प्राचीन काल में ये दोनों द्वीप एक ही थे। इनके विभक्त होने में तताँरा और वामीरो की प्रेम-कथा की त्यागमयी मृत्यु है, जो एक सुखद परिवर्तन के लिए थी।

b.   तताँरा खूब परिश्रम करने के बाद समुद्र के किनारे टहलने गया था। संध्या का समय था। उस समय क्षितिज पर सूरज डूबने को था। ठंडी हवाएँ चल रही थीं। पक्षियों की चहचहाहट से वातावरण गूंज रहा था। सूरज की अंतिम रंग-बिरंगी किरणें, पानी में घुलकर अद्भुत स्वर्गिक सौंदर्य की रचना कर रही थीं।

c.   वामीरो से मिलने के बाद तताँरा के जीवन में अद्भुत परिवर्तन आया। वह वामीरो से मिलकर सम्मोहित-सा हो गया।

उसके शांत जीवन में हलचल मच गई। वह स्वयं को रोमांचित अनुभव कर रहा था। वह वामीरो की प्रतीक्षा में दिन बिताने लगा। प्रतीक्षा का एक-एक पल उसे पहाड़ की तरह भारी प्रतीत होता था। वह हमेशा अनिर्णय की स्थिति में रहता था कि दामीरो उससे मिलने आएगी या नहीं अर्थात् उसके मन में आशंका-सी बनी रहती थी।

d.   प्राचीन काल में मनोरंजन और शक्ति प्रदर्शन के लिए अनेक प्रकार के आयोजन किए जाते थे। पशु-पर्व, कुश्ती, दंगल तथा मेलों का आयोजन किया जाता था। पशु-पर्व में हृष्ट-पुष्ट पशुओं का प्रदर्शन होता था। युवकों की शक्ति-परीक्षा के लिए उन्हें पशुओं से भिड़ाया जाता था। इसमें सभी लोग हिस्सा लेते थे। पासा गाँव में वर्ष में एक ऐसा मेला होता था जिसमें सभी गाँवों के लोग इकट्ठे होते थे। उसमें नृत्य-संगीत और भोजन का भी प्रबंध होता था।

e.   रूढ़ियाँ जब बंधन बन बोझ बनने लगें, तब वास्तव में उनका टूट जाना ही उचित है तथा इनमें परिवर्तन करना श्रेयस्कर होता है, क्योंकि रूढ़ियाँ व्यक्ति को बंधनों में जकड़ लेती हैं, जिससे व्यक्ति का विकास होना बंद हो जाता है। इनके टूट जाने से व्यक्ति के दिलो-दिमाग पर छाया बोझ हट जाता है। व्यक्ति की उन्नति तथा स्वतंत्रता हेतु इन रूढ़ियों को तोड़ देना चाहिए, नहीं तो ये हमारी उन्नति में बाधक बनकर खड़ी रहेंगी।

प्रश्न 3 निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए-

a.   जब कोई राह न सूझी तो क्रोध का शमन करने के लिए उसने शक्ति भर उसे धरती में घोंप दिया और ताकत से उसे खींचने लगा।

b.   बस आस की एक किरण थी जो समुद्र की देह पर डूबती किरणों की तरह कभी भी डूब सकती थी।

उत्तर-

a.   इसका आशय है कि गाँववालों और वामीरो की माँ दुवारा अपमानित होने के बाद तताँरा के क्रोध का ठिकाना न रहा। क्रोध में ही उसने अपनी तलवार निकालकर उसे पूरी शक्ति से धरती में घोंप दिया और पूरी ताकत से खींचने लगा, जिससे धरती में सीधी दरार आ गई और धरती दो टुकड़ों में बँट गई।

b.   तताँरा वामीरो को पहली ही नज़र में बेहद प्रेम करने लगा था। वह उसकी प्रतीक्षा में अपने जीवन की संपूर्ण आस लगाए बैठा था। उसने उसे पुनः साँझ को समुद्री चट्टान पर आने के लिए कहा था। अतः वह छटपटाते हुए अधीरता से उसकी प्रतीक्षा कर रहा था। उसके मन में एक आशंका यह भी थी कि कहीं वामीरो न आए। इस आशंका से उसका मन काँप उठता था, परंतु साथ ही एक आशा की किरण भी थी।

उसे लगता है कि आशा की यह किरण वामीरो के न आने पर समुद्र में डूबते सूर्य की किरणों के समान कहीं डूब न जाए। तताँरा इस उधेड़बुन में बैठा हुआ था और आशा-निराशा के बीच झूलते हुए अपने प्रेम के सफल होने की कामना कर रहा था।

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  • तताँरा-वामीरो कथा

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