Kar chale hum fida class 10th: NCERT Solutions For Chapter 6 Sparsh

Kar chale hum fida class 10th: NCERT Solutions For Chapter 6 Sparsh
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Kar Chale Hum Fida is a poignant piece included in the Class 10th Hindi curriculum, resonating with the valor and sacrifice of those who have given their lives for their country. This patriotic poem stirs emotions and evokes a sense of pride and respect for the soldiers and freedom fighters.

For students of Class 10, understanding Kar Chale Hum Fida goes beyond just reading the text; it involves delving into the depth of its meaning. The question answers for Kar Chale Hum Fida are designed to help students explore and grasp the essence of sacrifice and patriotism expressed in the poem. These answers not only assist students in their academic assessments but also instill a sense of national pride and historical awareness.

The explanation of Kar Chale Hum Fida in Class 10 breaks down the poem’s verses to its core, explaining the context, the sentiments, and the literary devices used by the poet. This detailed explanation ensures that students not only memorize the poem but also understand the emotions and thoughts behind it.

Providing a PDF version of Kar Chale Hum Fida for Class 10 can be extremely helpful for students, allowing them to access the poem and its resources anytime for study or revision. This digital format is especially useful for learning on-the-go and ensures that students can always have the poem at their fingertips.

The summary of Kar Chale Hum Fida encapsulates the central theme and the key messages of the poem. A good summary conveys the spirit of sacrifice that the poem venerates and the context in which it was written, offering students a compact yet comprehensive understanding of the piece.

For a deeper literary appreciation, the vyakhya, or detailed analysis, of Kar Chale Hum Fida is also a crucial component of the Class 10 Hindi syllabus. It gives students a closer look at the poet’s intentions, the choice of words, and the emotional gravity of the poem, thereby enriching their learning experience.

Overall, studying Kar Chale Hum Fida is not just about preparing for an exam; it's about connecting with the core values of patriotism and remembering the heroes who have fought for the nation's freedom. It's a chapter that fosters both academic knowledge and moral values among students.

अध्याय-6: कर चले हम फ़िदा

व्याख्या

kar chale hum fida class 10 summary

कर चले हम फ़िदा जानो-तन साथियो

अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो

साँस थमती गई, नब्ज़ जमती गई

फिर भी बढ़ते क़दम को न रुकने दिया

कट गए सर हमारे तो कुछ ग़म नहीं

सर हिमालय का हमने न झुकने दिया

मरते-मरते रहा बाँकपन साथियो

अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो

प्रस्तुत गीत कैफ़ी आजमी द्वारा भारत-चीन युद्ध की पृष्ठभूमि पर बनी फ़िल्म 'हकीकत' से लिया गया है। इस गीत में कवि ने खुद को भारत माता के सैनिक के रूप में अंकित किया है। कवि कहते हैं कि युद्धभूमि में सैनिक शहीद होते हुए अपने दूसरे साथियों से कहते हैं कि हमने अपने जान और तन को देश सेवा में समर्पित कर दिया, हम जा रहे हैं, अब देश की रक्षा करने का भार तुम्हारे हाथों में है। हमारी साँस थम रही थीं, ठंड से नसें जम रही थीं, हम मृत्यु की गोद में जा रहे थे फिर भी हमने पीछे हटकर उन्हें आगे बढ़ने का मौका नही दिया। हमारे कटे सिरों यानी शहीद हुए जवानों का हमें ग़म नहीं है, हमारे लिये ये प्रसन्नता की बात है की हमने अपने जीते जी हिमालय का सिर झुकने नहीं दिया यानी दुश्मनों को देश में प्रवेश नही करने दिया। मरते दम तक हमारे अंदर बलिदान और संघर्ष का जोश बना रहा। हम बलिदानी देकर जाकर रहे हैं, अब देश की रक्षा करने का भार तुम्हारे हाथों में है।

ज़िंदा रहने के मौसम बहुत हैं मगर

जान देने के रुत रोज़ आती नहीं

हुस्न और इश्क दोनों को रुस्वा करे

वह जवानी जो खूँ में नहाती नहीं

आज धरती बनी है दुलहन साथियो

अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो

कवि एक सैनिक के रूप में कहते हैं कि व्यक्ति को जिन्दा रहने के लिए बहुत समय मिलते हैं परन्तु देश के लिए जान देने के मौके कभी-कभी ही मिलते हैं। जो जवानी खून में सराबोर नही होती वही प्यार और सौंदर्य को बदनाम करती है। सैनिक अपने साथियों की सम्बोधित करते हुए कहते हैं कि आज धरती दुल्हन बनी हुई है यानी हमारी आन, बान और शान का प्रतीक है, इसलिए इसकी रक्षा करना हमारा कर्तव्य है। हमारे जाने के बाद इसकी रक्षा की जिमेवारी अब आपके हाथों में है।

राह कुर्बानियों की न वीरान हो

तुम सजाते ही रहना नए काफ़िले

फतह का जश्न इस जश्न‍ के बाद है

ज़िंदगी मौत से मिल रही है गले

बांध लो अपने सर से कफ़न साथियो

अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो

शहीद होते हुए सैनिक कहते हैं कि बलिदानों का जो सिलसिला चल पड़ा है वो कभी रुक ना पाये यानी अपने देश की दुश्मनों से रक्षा के लिए सैनिक हमेशा आगे बढ़ते रहे। इन कुर्बानियों के बाद ही हमें जश्न मनाने के अवसर मिलेंगे। आज हम मृत्यु को प्राप्त होने वाले हैं इसलिए हमें अपने सिर पर कफ़न बाँध लेना चाहिए यानी मृत्यु का चिंता ना करते हुए शत्रु से लोहा लेने के लिए तैयार रहना चाहिए। अब हमारे जाने के बाद देश की रक्षा की जिमेवारी तुम्हारी है।

खींच दो अपने खूँ से ज़मी पर लकीर

इस तरफ आने पाए न रावण कोई

तोड़ दो हाथ अगर हाथ उठने लगे

छू न पाए सीता का दामन कोई

राम भी तुम, तुम्हीं लक्ष्मण साथियो

अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो

सैनिक अपनी बलिदानी से पहले अपने साथियों से कहता है कि आओ हम अपने खून से धरती पर लकीर खीच दें जिसके पार जाने की कोई भी रावण रूपी शत्रु हिम्मत ना कर पाए। भारत माता को सीता समान बताते हुए कहता है अगर कोई भी हाथ भारत माता की आँचल छूने का दुस्साहस करे उसे तोड़ दो। भारत माता के सम्मान को किसी भी तरह ठेस ना पहुँचे। जिस तरह राम और लक्ष्मण ने सीता की रक्षा के लिए पापी रावण का नाश किया उसी तरह तुम भी शत्रु को पराजित कर भारत माता को सुरक्षित करो। अब ये वतन की जिमेवारी तुम्हारे हाथों में है।

 

NCERT SOLUTIONS FOR CLASS 10 HINDI SPARSH CHAPTER 6

प्रश्न अभ्यास (पृष्ठ संख्या 44)

kar chale hum fida class 10 question answers

प्रश्न 1 निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-

a.   क्या इस गीत की कोई ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है?

b.   सर हिमालय का हमने न झुकने दिया', इस पंक्ति में हिमालय किस बात का प्रतीक है?

c.   इस गीत में धरती को दुलहन क्यों कहा गया है?

d.   गीत में ऐसी क्या खास बात होती है कि व जीवन भर याद रह जाते हैं?

e.   कवी ने 'साथियो' संबोधन का प्रयोग किसके लिए किया है?

f.    कवि ने इस कविता में किस काफिले को आगे बढ़ाते रहने की बात कही है?

g.   इस गीत में ‘सर पर कफ़न बाँधना' किस और संकेत करता है?

h.   इस कविता का प्रतिपाद्य अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर-

a.   यह गीत सन् 1962 के भारत-चीन युद्ध की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर लिखा गया है। चीन ने तिब्बत की ओर से आक्रमण किया और भारतीय वीरों ने इस आक्रमण का मुकाबला वीरता से किया।

b.   भारत के सैनिक हर पल देश की रक्षा हेतु बलिदान देने के लिए तत्पर रहते हैं। 'सर हिमालय का हमने न झुकने दिया’ इस पंक्ति में हिमालय भारत के मान सम्मान का प्रतीक है। भारत-चीन युद्ध हिमालय की बर्फ से ढकी चोटियों पर ही लड़ा गया था। भारतीय सैनिकों ने अपने प्राण गवाँकर देश के मान-सम्मान को सुरक्षित रखा। उनके साहस की अमर गाथा से हिमालय की पहाड़ियाँ आज भी गुंजायमान हैं।

c.   जिस प्रकार एक दुल्हन का श्रृंगार किया जाता है उसको लाल साड़ी में सजाया जाता है ठीक उसी प्रकार भारतीय सैनिकों ने अपने खून से धरती को लाल रंग में रंग दिया था और उसे दुश्मनों से बचाकर अपने बलिदान से उसे दुल्हन की तरह सजा दिया था।

d.   गीतों में भावनात्मकता, मार्मिकता, सच्चाई, गेयता, संगीतात्मकता, लयबद्धता आदि गुण होते हैं जिससे वे जीवन भर याद रह जाते हैं। ‘कर चले हम फ़िदा' गीत में बलिदान की भावना स्पष्ट रुप से झलकती है जो हर हिन्दुस्तानी को दिमाग में रच-बस जाते हैं

e.   कवि ने साथियों' शब्द का प्रयोग सैनिक साथियों व देशवासियों के लिए किया है। सैनिकों का मानना है कि इस देश की रक्षा हेतु हम बलिदान की राह पर बढ़ रहे हैं। हमारे बाद यह राह सूनी न हो जाए। देशवासियों का परस्पर साथ ही देश की अनेकता में एकता जैसी विशिष्टता को मज़बूत बनाता है। आने वाले भी देश की मान-सम्मान की रक्षा के लिए प्राणों का बलिदान देने को तैयार रहें।

f.    कवि ने देश की रक्षा और बलिदान के लिए सैनिकों के समूह को काफिले के रूप में आगे बढ़ते रहने की बात कही है।

g.   सर पर कफ़न बाँधना' का अर्थ होता है मौत के लिए तैयार हो जाना। इस गीत यह शत्रुओं से रणभूमि में लड़ने की और संकेत करता है। सैनिक जब युद्धक्षेत्र में उतरते हैं तो वे देश की मान-सम्मान की रक्षा के लिए प्राण तक देने को तैयार रहते हैं।

h.   प्रस्तुत कविता देश के सैनिकों की भाषा में लिखा गया है जो की उनके देशभक्ति की भावना को दर्शाता है। वे देश के सम्मान और रक्षा के लिए हर चुनौतियों को स्वीकार करके अपने जीवन का बलिदान करने के लिए तैयार रहते हैं। साथ ही इन्हे आने वाली पीढ़ियों से अपेक्षाएं हैं की वे भी उनके शहीद होने के बाद इस देश के दुश्मनों का डटकर मुकाबला करें। वे कह रहे हैं कि उन्होंने अंतिम क्षण तक रक्षा की अब ये ज़िम्मेदारी आप पर है। देश पर जान देने के मौके बहुत कम आते हैं। ये क्रम टूटना नही चाहिए। कवि इसमें देशभक्ति को विकसित करके देश को जागरूक करना चाहता है।

प्रश्न 2 निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए।

a.   साँस थमती गई, नब्ज जमती गई

फिर भी बढ़ते कदम को न रुकने दिया।

b.   खींच दो अपने खूँ से ज़मीं पर लकीर

 

इस तरफ़ आने पाए न रावन कोई।

c.   छू न पाए सीता का दामन कोई

राम भी तुम, तुम्हीं लक्ष्मण साथियों।

उत्तर-

a.   इन पक्तियों में कवि ने भारतीय सैनिकों की सराहना करते हुए कहा है कि वे भयंकर बर्फ के अन्दर भी दुश्मन से मोर्चा लेते रहे उन्होंने सॉस के रुकने और खून के जमने की परवाह भी नहीं की देश रक्षा के जोश ने दुश्मन को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया।

b.   यह गीत की प्रेरणा देने वाली पंक्तियाँ हैं। कवि का भाव है कि भारतभूमि सीता की तरह पवित्र है। शत्रु रुपी रावण हरण करने के लिए उसकी तरफ़ बढ़ रहा है इसलिए उनका आग्रह है की हम आगे बढ़कर उनकी रक्षा करें तथा ऐसी लक्ष्मण रेखा खींचें कीं शत्रु बढ़ न पाये यानी उसे रोकने का प्रयास करें।

c.   कवि सैनिकों को कहना चाहता है कि भारत का सम्मान सीता की पवित्रता के समान में है। देश की रक्षा करना तुम्हारा कर्तव्य है। देश की सीमा पर सैनिकों के होते हुए कोई दुश्मन देश में प्रवेश करके देश की अस्मिता को नहीं लूट सकता। देश की पवित्रता की रक्षा राम और लक्ष्मण की तरह करना है। अतः राम तथा लक्ष्मण का कर्तव्य भी हमें ही निभाना है।

भाषा अध्ययन 

प्रश्न 1 इस गीत में कुछ विशिष्ट प्रयोग हुए हैं। गीत संदर्भ में उनका आशय स्पष्ट करते हुए अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए।

1.   कट गए सर।

2.   नब्ज़ जमती गई।

3.   जान देने की रुत।

4.   हाथ उठने लगे।

उत्तर-

1.   कट गए सर: युद्ध क्षेत्र में शत्रुओं के कट जाए सर।

2.   नब्ज़ जमती गई: डर के मारे सबकी नब्ज़ जम गई।

3.   जान देने की रुत: शत्रु के हमले की जानकारी मिलते ही सब जान गए कि यह जान देने की रुत है।

4.   हाथ उठने लगे: स्टेज पर मंत्री के आते ही जयकारे के साथ हाथ उठने लगे।


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