Harihar Kaka Class 10: NCERT Solutions For Hindi Sanchayan Chapter 1

Harihar Kaka Class 10: NCERT Solutions For Hindi Sanchayan Chapter 1
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Step into the world of Class 10 Hindi with the enchanting story of "Harihar Kaka," a tale that captures the essence of village life with all its twists and turns. This story, which stands as the first chapter in the Sanchayan book, isn’t just a lesson; it's a mirror to the societal ties and the true colors of kinship. As students explore the life and challenges of Harihar Kaka, they encounter questions that are designed to make them think and reflect. These aren't just any questions, but gateways to understanding deeper values and gaining insights that are crucial for their exams and overall knowledge.

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अध्याय-1: हरिहर काका

सारांश 

Hariharan Kaka Summary


यह पाठ जाँबाज़ वज़ीर अली के जिंदगी का एक अंश है। इस नाटक में उस हिस्से को बताया गया है जब वज़ीर अली अपने दुश्मन के कैंप में जाकर वहाँ से अपने लिए कारतूस ले जाता है और अपने बहादुरी का गुणगान अपने दुश्मनों से करवाता है।

नाटक के पात्र - कर्नल, लेफ्टिनेंट, सिपाही, सवार (वज़ीर अली)

अंग्रेज़ सरकार के आदेशानुसार वज़ीर अली को गिरफ्तार करने के लिए कर्नल कालिंज अपने लेफ्टिनेंट और सिपाहियों के साथ जंगल में डेरा डाले हुए हैं। उन्हें जंगल में आये हुए हफ्ते गुजर गए हैं परन्तु वह अभी तक वजीर अली को गिरफ्तार नही कर पाये हैं। वजीर अली के दिल में अंग्रेज़ों के प्रति नफरत की बातें सुनकर उन्हें रॉबिनहुड की याद आ जाती है। अपने पांच महीने के शासनकाल में उसने अवध के दरबार से अंग्रेजी हुकूमत को साफ़ कर दिया। सआदत अली आसिफउद्दौला का भाई है साथ ही वज़ीर अली का दुश्मन भी है क्योंकि आसिफउद्दौला के यहाँ लड़के की कोई उम्मीद नहीं थी परन्तु वज़ीर अली ने सआदत अली के सारे सपने को तोड़ दिया।

अंग्रेज़ों ने सआदत अली को अवध के तख़्त पर बैठाया क्योंकि वो अंग्रेज़ों से मिलकर रहता है और ऐश पसंद आदमी है। इसके बदले में सआदत अली ने अंग्रेज़ों को आधी दौलत और दस लाख रूपये नगद दिए।

लेफ्टिनेंट कहता है कि सुना है वज़ीर अली ने अफ़गानिस्तान के बादशाह शाहे-ज़मा को हिन्दुस्तान पर हमला करने की दावत दी है इसपर कर्नल ने कहा कि अफ़गानिस्तान को हमले की दावत सबसे पहले टीपू सुल्तान ने दी, फिर वज़ीर अली ने भी उसे दिल्ली बुलाया फिर शमसुद्दौला ने भी जो नवाब बंगाल का रिश्ते का भाई है और बहुत खतरनाक है। इस तरह पूरे हिन्दुस्तान में कंपनी के खिलाफ लहर दौड़ गयी है। यदि यह कामयाब हो गयी तो लार्ड क्लाइव ने बक्सर और प्लासी के युद्ध में जो हासिल किया था वह लार्ड वेल्जली के हाथों खो देगी। कर्नल पूरी एक फ़ौज लिए वज़ीर अली का पीछा जंगलों में कर रहा है परन्तु वह पकड़ में नहीं आ रहा है।

कर्नल ने वज़ीर अली द्वारा कंपनी के वकील की हत्या करने का किस्सा सुनाते हुए कहा कि हमने वज़ीर अली को पद से हटाकर तीन लाख रूपए सालना देकर बनारस भेज दिया। कुछ महीने बाद गवर्नर जनरल ने उसे कलकत्ता बुलाया। वज़ीर अली बनारस में रह रहे कंपनी के वकील के पास जाकर पूछा कि उसे कलकत्ता क्यों बुलाया जाता है इसपर वकील ने उसे बुरा-भला कह दिया, जिस कारण वज़ीर अली ने वकील को खंजर से मार दिया। उसके बाद वह अपने कुछ साथियों के साथ आजमगढ़ भाग गया वहां के शासन ने उनलोगों को सुरक्षित घागरा पहुँचा दिया अब वे इन्हीं जंगलों में कई साल से भटक रहे हैं। लेफ्टिनेंट द्वारा पूछे जाने पर कर्नल ने वज़ीर अली की स्कीम बताते हुए कहता है कि वे किसी तरह नेपाल पहुँचना चाहते हैं। अफ़गानी हमले का  इंतज़ार करें  ताक़त बढ़ाएँ। वह सआदत अली को उसके पद से हटाकर खुद कब्ज़ा करे और अंग्रेज़ों को हिन्दुस्तान से निकाल दे। लेफ्टिनेंट अपनी शंका जताते हुए कहता है कि हो सकता है की वे लोग नेपाल पहुँच गए हों जिसपर कर्नल उसे भरोसा दिलाते हुए बताता है कि अंग्रेजी और सआदत अली की फौजें बड़ी सख्ती से उनका पीछा कर रही हैं और उन्हें पता है की वह इन्हीं जंगलों में है।

तभी एक सिपाही आकर कर्नल को बताता है कि दूर से धूल उड़ती दिखाई दे रही है लगता है कोई काफिला चला आ रहा हो। कर्नल सभी को मुस्तैद रहने का आदेश देता है। लेफ्टिनेंट और कर्नल देखते हैं की केवल एक ही आदमी है। कर्नल सिपाहियों से उसपर नजर रखने को कहता है। घुड़सवार उनकी और आकर रुक जाता है और इज़ाज़त लेकर कर्नल से मिलने अंदर जाता है और एकांत की माँग करता है जिसपर कर्नल सिपाही और लेफ्टिनेंट को बाहर भेज देते हैं। वह कर्नल से कहता है कि वज़ीर अली को पकड़ना कठिन और कारतूस की माँग करता है। कर्नल उसे कारतूस दे देता है। जब वह कारतूस लेकर जाने लगता है तो कर्नल उससे उसका नाम पूछता है। वह अपना नाम वज़ीर अली बताता है और कारतूस देने के कारण उसकी जान बख्शने की बात कहता है। उसके चले जाने के बाद लेफ्टिनेंट जब पूछता है कि कौन था तब कर्नल एक जाँबाज़ सिपाही बतलाता है।


 

NCERT SOLUTIONS FOR CLASS 10 HINDI SANCHYAN CHAPTER 1

बोध-प्रश्न प्रश्न (पृष्ठ संख्या 19)

Harihar kaka class 10th question answers

प्रश्न 1 कथावाचक और हरिहर काका के बीच क्या संबंध है और इसके क्या कारण हैं?

उत्तर- कथावाचक और हरिहर के बीच मधुर, आत्मीय और गहरे संबंध है। कथावाचक जब छोटा था तब से ही हरिहर काका उसे बहुत प्यार करते थे। जब वह बड़े हो गए तो वह हरिहर काका के मित्र बन गए। गाँव में इतनी गहरी दोस्ती और किसी से नहीं हुई। हरिहर काका उनसे खुल कर बातचीत करते थे। यही कारण है कि कथावाचक को उनके एक-एक पल की खबर थी। शायद अपना मित्र बनाने के लिए काका ने स्वयं ही इसे प्यार से बड़ा किया और इतंजार किया।

प्रश्न 2 हरिहर काका को महंत और अपने भाई दोनों एक ही श्रेणी के क्यों लगने लगे?

उत्तर- पंद्रह बीघे जमीन के मालिक हरिहर काका की घर में खूब खातिरदारी हुआ करती थी, उनके तीनों छोटे भाइयों ने अपनी पत्नियों को अच्छी तरह से समझा रखा था कि काका की अच्छी से अच्छी खातिरदारी होनी चाहिए क्योंकि उनके बाद उनकी सारी संपत्ति उनकी ही होने वाली है। परंतु उन्होने ऐसा नहीं किया, उन्होने उनके साथ कुव्यवहार ही किया। महंत को पता चलते ही उसने हरिहर काका की खातिरदारी करना शुरू कर दी और भाइयों को पता चले बिना ही उनकी पंद्रह बीघा जमीन मंदिर के नाम लिखवाने की बात कर ली। भाइयों को पता लगने पर दोनों के बीच भंयकर झगड़ा हुआ, क्योंकि दोनों ही हरिहर काका की ज़मीन हड़पना चाहते थे। इसलिए हरिहर काका को महंत और अपने भाई दोनों एक ही श्रेणी के लगने लगे।

प्रश्न 3 ठाकुरबाड़ी के प्रति गाँव वालों के मन में अपार श्रद्धा के जो भाव हैं उससे उनकी किस मनोवृत्ति का पता चलता है?

उत्तर- ठाकुरबाड़ी के प्रति गाँव वालों के मन में अपार श्रद्धा है। इस श्रद्धा का कारण उनका धर्म के प्रति प्रगाढ रुझान है। हर शुभ काम में वे ठाकुर जी का योगदान मानते हैं। कोई भी काम करने से पहले वे ठाकुर जी की मनौती मानते हैं। काम पूरा होने पर वे ठाकुरबाड़ी को दान देते हैं। ठाकुरबाड़ी के प्रति उनकी अटूट श्रद्धा का कारण उनकी धार्मिक मनोवृत्ति है।

प्रश्न 4 अनपढ़ होते हुए भी हरिहर काका दुनिया की बेहतर समझ रखते हैं। कहानी के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर- हरिहर काका अनपढ़ थे फिर भी उन्हें दुनियादारी की बेहद समझ थी। वे यह जानते थे कि जब तक जमीन उनके पास है तब तक सभी उनका आदर करेंगे। उनके भाई लोग उनसे ज़बरदस्ती ज़मीन अपने नाम कराने के लिए डराते थे तो उन्हें गाँव में दिखावा करके ज़मीन हथियाने वालों की याद आती थी। काका ने उन्हें नारकीय जीवन जीते देखा था इसलिए उन्होंने ठान लिया था चाहे मंहत उकसाए चाहे भाई दिखावा करे वह ज़मीन किसी को भी नहीं देंगे। एक बार मंहत के उकसाने पर भाइयों के प्रति धोखा नहीं करना चाहते थे परन्तु जब भाइयों ने भी धोखा दिया तो उन्हें समझ में आ गया उनके प्रति उन्हें कोई प्यार नहीं है। जो प्यार दिखाते हैं वह केवल ज़ायदाद के लिए है

प्रश्न 5 हरिहर काका को जबरन उठा ले जाने वाले कौन थे? उन्होने उन के साथ कैसा व्यवहार किया?

उत्तर- महंत और उसके चेले हरिहर काका को जबरन घर से उठाकर ले गए थे। उन्होंने हरिहर काका के घर पर अप्रत्याशित हमला किया और हरिहर काका को जबरन उठा ले गए और ठाकुरबाड़ी में ले जाकर बंद कर दिया। काका के भाई जब ठाकुरबाड़ी का गेट खुलवाने गए तो महंत के चेलों ने उन पर अंदर से पत्थरों और हथियारों से हमला कर दिया।

ठाकुरबाड़ी के अंदर महंत और उसके चंद साधु एक सादे कागज़ पर जबरदस्ती हरिहर काका के अंगूठे का निशान लेने लगे मना करने पर उन्हें बाँधकर एक कमरे में बंद कर दिया गया। काका के भाई पुलिस लेकर आ गए उन्होंने एक-एक कमरे की तलाशी ली और एक कमरे में हरिहर काका मुहँ में कपड़ा दुसे हुए और बँधे हुए मिले।

प्रश्न 6 हरिहर काका के मामले में गाँव वालों की क्या राय थी और उसके क्या कारण थे?

उत्तर- हरिहर काका के मामले में गाँव वालों की अलग-अलग राय थी। एक तरफ चटोर किस्म के लोग थे जो सुबह-शाम प्रसाद के बहाने ठाकुरबाड़ी में भोजन करते थे। वे लोग महंत और साधु-संतों को खुश रखना चाहते थे। इसलिए हरिहर काका की जमीन ठाकुरबाड़ी के नाम लिखवाने की हिमायत करते थे।

दूसरी तरफ गाँव के प्रगतिशील विचारों वाले लोग थे। वे किसान थे और जानते थे कि किसान के लिए जमीन का क्या महत्त्व है? वे लोग चाहते थे कि काका को अपनी ज़मीन अपने भाइयों के नाम लिख देनी चाहिए।

प्रश्न 7 कहानी के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि लेखक ने यह क्यों कहा, "अज्ञान की स्थिति में ही मनुष्य मृत्यु से डरते हैं। ज्ञान होने के बाद तो आदमी आवश्यकता पड़ने पर मृत्यु को वरण करने के लिए तैयार हो जाता है।"

उत्तर- हरिहर काका को जब अपने भाईयों और महंत की असलियत पता चली और उन्हें समझ में आ गया कि सब लोग उनकी ज़मीन जायदाद के पीछे पड़े हैं तो उन्हें वे सभी लोग याद आ गए जिन्होंने परिवार वालों के मोह माया में आकर अपनी ज़मीन उनके नाम कर दी और मृत्यु तक तिल-तिल करके मरते रहे, दाने-दाने को मोहताज़ हो गए। इसलिए उन्होंने सोचा कि इस तरह रहने से तो एक बार मरना अच्छा है। जीते जी ज़मीन किसी को भी नहीं देंगे। ये लोग मुझे एक बार में ही मार दे। अतः लेखक ने कहा कि अज्ञान की स्थिति में मनुष्य मृत्यु से डरता है परन्तु ज्ञान होने पर मृत्यु वरण को तैयार रहता है।

प्रश्न 8 समाज में रिश्तों की क्या अहमियत है? इस विषय पर अपने विचार प्रकट कीजिए।

उत्तर- हम सभी किसी न किसी प्रकार एक दूसरे से जुड़े हुए हैं जिससे समाज का निर्माण हुआ है। समाज में अनेक रिश्ते मनुष्य को मनुष्य से जोड़ते हैं जिससे परिवार निर्माण हुआ है। परिवार में मनुष्य सुरक्षित रहता है, आपस में एक विश्वास बढ़ता है। यही विश्वास जब टूटता है तो आदमी भी टूट जाता है, जैसा कि हरिहर काका के साथ हुआ।

प्रश्न 9 यदि आपके आसपास हरिहर काका जैसी हालत में कोई हो तो आप उसकी किस प्रकार मदद करेंगे?

उत्तर- यदि हमारे आसपास हरिहर काका जैसी हालत में कोई हो तो हम उसके पास बैठकर उससे बातें कर सकते हैं। प्रतिदिन कुछ समय निकालकर उससे बातें करने की कोशिश करें तो हो सकता है कि किसी दिन वह भी हमसे बातें करना शुरू कर दे। हम उसके साथ खाने-पीने की वस्तुएँ बाँट सकते हैं। उसके पसंद की कोई वस्तु दे सकते हैं। हँसी-मज़ाक की बातें करके उसको हँसाने की कोशिश कर सकते हैं।

प्रश्न 10 हरिहर काका के गाँव में यदि मीडिया की पहुँच होती तो उनकी क्या स्थिति होती? अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर- हरिहर काका के गाँव में मीडिया पहुँच जाती तो सबकी पोल खुल जाती, मंहत व भाइयों का पर्दाफाश हो जाता। मीडिया उनके साथ हुए अत्याचारों का लाइव कवरेज दिखाता। वे सभी व्यक्तियों को अन्याय की ये तस्वीर दिखाते और बतलाते कि बूढ़े व्यक्ति के लिए किस तरह लोगों के ख्याल बदल जाते हैं और वे फायदा उठाने का सोचने लगते हैं। मिडिया वहाँ पहुँचकर सबकी पोल खोल देती, मंहत व भाईयों का पर्दाफाश हो जाता। अपहरण, धमकाने और जबरन अँगूठा लगवाने के अपराध में उन्हें जेल हो जाती। मिडिया उन्हें स्वतंत्र और भयमुक्त जीवन की उचित व्यवस्था भी करवा देती।

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